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Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj

Saturday, 11 August 2012

808- param pujya sudhanshu ji maharaj,dehradun....मति चार प्रकार की होती है । सुमति, कुमति, दुर्मति और महामति । मेरा फायदा हो या न हो, दूसरे का अवश्य होना चाहिए, यह सुमति है । मेरा फायदा न हो तो दूसरे का भी न हो, यह कुमति है । मेरा कोई लाभ नहीं .....


                   Param Pujya Shri Sudhanshu ji Maharaj ke amrit vachan (Good Thoughts )

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