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Param Pujya Shri Sudhanshuji Maharaj

Tuesday, 18 August 2015

4571 – param pujya sudhanshuji maharaj, dehradun … बहिर्मुखी व्यक्ति स्वार्थ, छल - कपट और बेईमानी से सांसारिक पदार्थों के संग्रह में ही लगा रहता है, इसलिए वह परिस्थितियों का दास बना रहता है और बहिर्मुखी व्यक्ति क्रिया नहीं प्रतिक्रिया करता रहता है । अतः अन्तर्मुखी बनिए, इसके लिए स्वयं की समीक्षा नियम से कीजिए, आत्मविश्लेषण कीजिए, परमार्थ के कार्य कीजिए, अपने ....

Param Pujya Shri Sudhanshu ji Maharaj ke amrit vachan (Good Thoughts )

        परम पूज्य श्री सुधांशु जी महाराज के अमृत वचन (Good Thoughts)


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